भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के आह्वान “सामान्य जनमानस को विज्ञान की जानकारी कराई जाए” की आधारशिला पर स्वैच्छिक सेवा की प्रबल भावना से प्रेरित होकर अगस्त 1959 में विज्ञान समिति की स्थापना केलवा ग्राम (राजसमन्द) में हुई। शैशवकाल से परिपक्वता की 55 वर्षो की यात्रा में, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, कुशल प्रबन्धकों एवं अनुभवी बहुसंकायी समर्पित सदस्यों के योगदान के फलस्वरूप, विज्ञान समिति आज, राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे देश में, एक अग्रणी, अनूठी व असाधारण स्वयं सेवी संस्था के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी है। मूलभूत विज्ञान के विषयों के साथ-साथ कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य, गृहविज्ञान, अभियांत्रिकी, वानिकी, पर्यावरण, वाणिज्य एवं कला के विशेषज्ञों, कुशल प्रशासकों एवं प्रबंधकों की निःस्वार्थ एवं समर्पित सेवाओं के फलस्वरूप यह संस्था आर्दश रूप में उभरी है।
इस अवधि में, समिति ने राज्य सरकार के जनजाति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कृषि एवं उद्यान, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभागों, कृषि विश्वविद्यालयों, राजस्थान आजीविका मिशन के कार्यक्रमों में सक्रिय, अनुकरणीय एवं प्रभावी भागीदारी निभाई है। इसी प्रकार भारत सरकार के कृषि, खाद्य एवं प्रसंस्करण, शिक्षा, पर्यावरण, टेक्सटाईल मंत्रालयों भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, राष्ट्रीय महिला आयोग के विभिन्न जनोपयोगी कार्यक्रमों में भी सफल साझेदारी का निर्वाह किया है।